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BREAKING NEWS-Kolkata Doctor Rape Murder Case: ‘डॉक्टर्स की सुरक्षा पर नेशनल टास्क फोर्स बनाने जा रहे’, CJI बोले, कोलकाता रेप-मर्डर पर लाइव की सुनवाई

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Kolkata Doctor Rape Murder Case: ‘डॉक्टर्स की सुरक्षा पर नेशनल टास्क फोर्स बनाने जा रहे’, CJI बोले, कोलकाता रेप-मर्डर पर लाइव की सुनवाई

कोलकाता- पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में ट्रेनी महिला डॉक्टर से रेप और हत्या का मामला गरमा गया है. सोमवार को जांच एजेंसी सीबीआई ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष से 13 घंटे से ज्यादा पूछताछ की. उनसे आज फिर पूछताछ की जा सकती है. वहीं, आरोपी संजय रॉय का अब पॉलीग्राफ टेस्ट करवाया जाएगा. सीबीआई को कोर्ट से मंजूरी मिल गई है. पॉलीग्राफी टेस्ट से पता चल सकेगा कि आखिर आरोपी कितना झूठ और कितना सच बोल रहा है. जांच एजेंसी आरोपी का मनोवैज्ञानिक टेस्ट करवा चुकी है. सीबीआई, पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष का भी पॉलीग्राफी टेस्ट कराना चाहती है.

कोलकाता में 31 साल की ट्रेनी महिला डॉक्टर से रेप के बाद हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला लिया है. कोर्ट ने ऐलान किया कि डॉक्टर्स की सुरक्षा पर नेशनल टास्क फोर्स बनाने जा रहे हैं. ये टास्क फोर्स कोर्ट की निगरानी में बनेगा और इसमें डॉक्टर्स को भी शामिल किया जाएगा. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने इस मामले में सुनवाई की. SC ने इस केस को स्वत: संज्ञान लिया है. वहीं, डॉक्टर्स के विरोध-प्रदर्शन से पश्चिम बंगाल की स्वास्थ्य सेवाएं ठप हो गई हैं. डॉक्टर्स के संगठन देशभर में प्रोटेस्ट कर रहे हैं. इधर, बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस दिल्ली पहुंच गए हैं. वे मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करेंगे. उसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से भी मुलाकात कर सकते हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ये बड़ा राष्ट्रहित का मामला

SC ने पूछा- सबसे पहले एफआईआर किसने और कब दर्ज कराई. इस पर कोर्ट को बताया गया कि उस रात 11.45 PM पर पहली एफआईआर दर्ज की गई थी. CJI ने कहा कि अभिभावकों को बॉडी देने के 3 घंटे 30 मिनट के बाद एफआईआर दर्ज की गई? CJI ने पश्चिम बंगाल सरकार और हॉस्पिटल प्रशासन को फटकार लगाई? कहा, एफआइआर देर से क्यों दर्ज हुई? हॉस्पिटल प्रशासन आखिर क्या कर रहा था? CJI ने कहा, हम डॉक्टरों से आग्रह करते हैं कि काम पर लौटें. हम डॉक्टरों से अपील करते हैं. हम उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यहां हैं. हम इसे हाईकोर्ट के लिए नहीं छोडे़ंगे. ये बड़ा राष्ट्रहित का मामला है. CJI ने कहा कि जब हत्या हुई थी तो पीड़िता के माता-पिता वहां मौजूद नहीं थे. ये हॉस्पिटल प्रबंधन की जिम्मेदारी थी कि वो एफआईआर दर्ज कराए. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, इसे हल्के में नहीं समझना चाहिए. हम एक युवा डॉक्टर के साथ एक यौन विकृत व्यक्ति द्वारा बलात्कार की घटना से निपट रहे हैं, लेकिन इसमें एक पशु जैसी प्रवृत्ति भी थी. मैं इसे राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाना चाहता. माता-पिता को 3 घंटे तक इंतजार करना पड़ा.

सीजेआई ने डॉक्टर्स से कहा, हम पर भरोसा करें

CJI ने कहा कि पुलिस ने क्राइम सीन को प्रोटेक्ट क्यों नहीं किया? हजारों लोगों को अंदर क्यों आने दिया? प्रिंसिपल को दूसरे कॉलेज में क्यों जॉइन कराया गया? CJI ने कहा, सीबीआई इस मामले में गुरुवार तक स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल करे. जांच इस समय नाजुक दौर में है, इसलिए डायरेक्ट रिपोर्ट कोर्ट में दी जाए. CJI ने पूछा- प्रिंसिपल क्या कर रहे थे? FIR दर्ज नहीं की गई. शव माता-पिता को देर से सौंपा गया. पुलिस क्या कर रही है? एक गंभीर अपराध हुआ है. उपद्रवियों को अस्पताल में घुसने दिया गया? CJI ने कहा कि हम एक नेशनल टास्क फोर्स बनाना चाहते हैं जिसमें सभी डॉक्टरों की भागीदार हो. CJI ने डॉक्टरों को कहा कि आप हम पर भरोसा करें. डॉक्टर्स की हड़ताल पर कहा, इस बात को समझें कि पूरे देश का हेल्थ केयर सिस्टम उनके पास है.

सीजेआई ने पूछे सवाल

CJI ने कहा कि हमने स्वत: संज्ञान इसलिए लिया है क्योंकि रेप-हत्या के अलावा यह देशभर में डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर भी है. हम सुरक्षा को लेकर सुनवाई करेंगे. हमें डॉक्टर्स, खासकर महिला डॉक्टर और युवा डॉक्टर्स की सुरक्षा को लेकर चिंता है. CJI ने कहा कि हम पीड़िता की पहचान उजागर होने को लेकर चिंतित हैं. पीड़िता की फोटो और पोस्टमार्टम के बाद उसकी बॉडी को दिखाना चिंताजनक है. हम पीड़िता की तस्वीरें और नाम सोशल मीडिया पर प्रसारित होने से बहुत चिंतित हैं. हर जगह पीड़िता की पहचान उजागर हुई. जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए था. CJI ने पश्चिम बंगाल से पूछा- क्या प्रिंसिपल ने हत्या को आत्महत्या बताया? क्या पीड़िता के माता-पिता को सूचना देर से दी है? उन्हें मिलने नहीं दिया गया CJI ने कहा कि क्या हत्या के तहत FIR दर्ज हुई है? प्रिंसिपल क्या कर रहे थे? एफआईआर दर्ज कराने में देरी क्यों हुई? ये बेहद गंभीर मुद्दा है.

SC ने सीबीआई से स्टेटस रिपोर्ट तलब की

सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से स्टेटस रिपोर्ट तलब की है. जांच एजेंसी को गुरुवार तक यह जानकारी देनी होगी. यह बताए कि उसने अब तक क्या कदम उठाए और जांच कहां तक पहुंचे. कोर्ट ने डॉक्टर्स से हड़ताल से वापस लेने का भी आह्वान किया है

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